नई दिल्ली: वीकली मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कई मुद्दों पर जवाब दिया है। आतंकवाद को लेकर जायसवाल ने कहा, “पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद को कौन बढ़ावा दे रहा है। भारत में जब आतंकवाद से संबंधित हमले होते हैं, तो यह कहां से आ रहा है, हम सभी सीमा पार आतंकवाद की उत्पत्ति और जड़ को समझते हैं। हर कोई जानता है कि ऐसे लोग और ऐसे देश हैं, जो सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार हैं, और हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं।”
‘अवैध आव्रजन के खिलाफ है भारत’
अमेरिका में नई इमिग्रेशन पॉलिसी लागू कर दी गई है। इसे लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम अवैध आव्रजन के खिलाफ हैं। यह संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है। केवल अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनिया में कहीं भी रहने वाले भारतीय अगर निर्धारित समय से अधिक समय तक किसी देश में रह रहे हैं, या वो उचित दस्तावेजों के बिना किसी देश में हैं, तो हम उन्हें वापस ले लेंगे।”
‘भारत और बांग्लादेश के बीच हुए हैं समझौते’
बांग्लादेश को लेकर रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर बाड़ लगाने के लिए कई समझौते हुए हैं। सीमा पर बाड़ लगाना इसलिए जरूरी है ताकि अपराध संबंधी घटनाओं को रोका जा सके। बाड़ की गतिविधि दोनों देशों के बीच समझौते के अनुसार ही हो रही है, समझौते को लागू करने के लिए दोनों देशों को एक साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।”
‘फिल्म ‘इमरजेंसी’ के विरोध पर है नजर’
ब्रिटेन में फिल्म ‘इमरजेंसी’ के विरोध को लेकर जायसवाल ने कहा, “हमने कई रिपोर्ट देखी हैं कि किस तरह कई हॉल में प्रदर्शित की जा रही फिल्म ‘इमरजेंसी’ को बाधित किया जा रहा है। हम लगातार भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में यूके सरकार के समक्ष चिंता जताते हैं। बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है और इसमें बाधा डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि यूके पक्ष जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा। लंदन में हमारा उच्चायोग हमारे समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा के लिए नियमित रूप से उनके संपर्क में रहता है।”
रूस-यूक्रेन युद्ध पर साफ है भारत का रुख
रूस-यूक्रेन युद्ध पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमारा रुख हमेशा से एक जैसा रहा है। हम शांति के पक्षधर हैं और हम चाहते हैं कि बातचीत और कूटनीति के जरिए संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान हो। हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं है।”