परिवहन विभाग की लापरवाही
झारखंड के देवघर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के देवघर-गोड्डा मुख्य मार्ग पर जमुनियां मोड़ के पास कांवड़ियों से भरी एक बस और गैस लदे ट्रक के बीच सीधी टक्कर हो जाने से बस चालक सहित 6 लोगों की मौत तथा 27 लोग घायल हो गए। घटना मंगलवार सुबह लगभग 5 बजकर 40 मिनट की है, जब सभी कांवड़िये बैद्यनाथ धाम देवघर में जलार्पण करने के बाद बासुकीनाथ मंदिर में जलार्पण करने के लिए जा रहे थे। इस घटना ने झारखंड परिवहन विभाग एवं आरटीए की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर इस दुर्घटनाग्रस्त बस (जेएच 15 एच 5357) की डिटेल्स निकालेंगे तो आपको हैरानी होगी कि सड़कों पर दौड़ रही यह बस 13 वर्ष पुरानी थी, जिसका न फिटनेस था, न बीमा और न ही रूट परमिट । यह 2013 मॉडल की बस थी, जिसका इंशोरयेंस तथा फिटनेस दोनों 25 सितंबर 2024 से फेल था। साथ ही इस बस को जसीडीह से भागलपुर के लिए परमिट मिला था, देवघर से बासुकीनाथ के लिए नहीं। इतना कुछ होने के बाद भी प्रशासन का मूकदर्शक बना होना, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की ओर इशारा करता है। एसपी अगर पहले से इन सब चीजों पर नजर रखते तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती। जब तक प्रशासन नींद से नहीं जागेगा, तब तक सड़कें शमशान बनती रहेंगी। हादसे सिर्फ संख्याऐं नहीं, वे परिवारों का उजड़ना हैं। जरूरत है जवाबदेही की ताकि अगली खबर किसी के जीवन के अंत की न होकर, सुरक्षित यात्रा के आरंभ की हो।