ईडी ने एलडीए से मांगी थी संपत्ति की जानकारी, कसा शिकंजा
इंडिपेंडेंट वॉयस।
बाहुबली मुख्तार अंसारी पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण से ईडी ने मुख़्तार और उनके परिवार से जुड़ी जानकारियां मांगी थी। इसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने दस से अधिक भूखंडों की जानकारियां ईडी को दी थी। अब ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। गुरुवार को ईडी की टीम सुबह साढ़े 6 बजे गाजीपुर स्थित मुख्तार अंसारी के पैतृक आवास पहुंची। पैतृक आवास मुहम्मदाबाद के दर्जी टोला में है। इसे ‘फाटक’ के नाम से जानते हैं। ED अपने साथ CRPF की एक टुकड़ी भी लाई थी। घर के भीतर मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी मौजूद हैं ।माना जा रहा है कि इसी निशानदेही के माध्यम से अब प्रवर्तन निदेशालय आगे भी मुख्तार अंसारी और उनके परिवार से जुड़ी सम्पत्तियों पर एक्शन लेगा। ईडी की 40 टीमों ने एक साथ गाजीपुर, दिल्ली व लखनऊ के ठिकानों पर छापेमारी की है। टीम के साथ में सीआरपीएफ की टुकड़ी भी मौजूद है।

वहीं, ईडी डालीबाग की जिस बिल्डिंग पर छापा मारा गया है उस पर शत्रु सम्पत्ति और अवैध निर्माण के मामले में पहले से ही कार्रवाई चल रही है। यह इमारत भी अंसारी परिवार के हाथ से जा सकती है। जो अंसारी परिवार के लिए और भी बड़ा झटका होगा। आने वाले समय में मुख्तार अंसारी को और भी तरीके से घेरने की तैयारी है। वहीं, मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को पहले से ही यूपी पुलिस तलाश रही है। अब्बास अंसारी की तलाश में कुछ दिन पहले एक साथ 26 जगहों पर छापे की कार्रवाई की गई थी।
करीब छह माह पहले ही ईडी ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से मुख्तार अंसारी की संपत्तियों की जानकारी मांगी थी। एलडीए ने 10 ऐसे प्लॉट और फ्लैट की जानकारी ईडी को दी थी, जिनके आवंटियों के नाम मुख्तार या उनके करीबी हैं। इन आवंटियों में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की संपत्ति का पता लगाने के लिए पूरा ब्यौरा संपत्ति सेक्शन को भेजा है। इसके बाद मुख्तार और उसके परिजनों के के नाम की असली संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई गई है।
बता दें कि माफिया विधायक मुख्तार अंसारी पर योगी सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। अब तक मुख्तार के लखनऊ, गाजीपुर, मऊ और वाराणसी में करोड़ों की संपत्ति सीज की जा चुकी है। लखनऊ विकास प्राधिकरण इससे पहले मुख्तार के दो अवैध निर्माण डाली बाग में गिरा चुका है, जो कि उसके बेटे के नाम थे। इसके अलावा शहर में अलग-अलग स्थानों पर मुख्तार और उसके करीबियों के अनेक अवैध निर्माण गिराए जा चुके हैं। जिसमें कैसरबाग का ड्रैगन माल भी शामिल है।