बेसिक शिक्षा विभाग की पहल से लगेगी भ्रष्टाचार पर लगाम
इंडिपेंडेंट वॉयस।
बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षक व कर्मचारियों को पीएफ व जीपीएफ और एडवांस जैसे कामों के लिए विभाग के चक्कर नहीं काटना पड़ेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ये सभी काम अब ऑनलाइन करने जा रहा है। मानव संपदा पोर्टल के जरिए शिक्षक यह सभी काम अपने मोबाइल व लैपटॉप से कर सकेंगे। शिक्षकों की समस्या समय पर दूर हो इसके लिए कर्मचारियों व अधिकारियों की जवाबदेयी तय की जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग ने जिस तरह से मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से वेतन और अवकाश को आसान बनाया गया है। उसी तरह से मानव संपदा पोर्टल पर एक रिक्वेस्ट बेस्ड टैब विकसित किए जाने का प्रस्ताव एनआईसी को भेज दिया गया है। इसमें सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) से एडवांस, चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान, अन्य सभी एरियर के लिए आवेदन इसी पोर्टल के माध्यम से करने होंगे। प्रक्रिया पहले से तय होगी।
वित्तीय कार्यों में सबसे अधिक भ्रष्टाचार
बेसिक शिक्षा विभाग में विशेषकर शिक्षकों के वित्तीय कार्यों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार व्याप्त है। शिक्षकों को न तो सम्बंधित मदों की जानकारियां हो पाती हैं और न ही उनके भुगतान आसानी से हो पाते हैं। बिना चढ़ावे के विभाग में कोई काम भी नहीं हो पाता है। इसके अलावा जीपीएफ से एडवांस, एरियर आदि की प्रक्रिया में वर्षों लग जाते हैं।जीपीएफ में तो कई तरह के एडवांस लिए जा सकते हैं। इसे लेने के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को वर्षों लग जाते हैं। दस वर्ष पूरे होने पर चयन वेतनमान और 22 वर्ष की सेवा पूरा होने पर प्रोन्नत वेतनमान के लिए वर्षों प्रतीक्षा करनी पड़ती है। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष योगेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि नई प्रक्रिया से शिक्षकों को लाभ मिलेगा लेकिन अधिकारियों के स्तर से रिजेक्शन के कारण स्पष्ट होना चाहिए।