ओपिनियनलखनऊ

आसिफी इमामबाड़े में करायी 72 ताबूतों की जियारत

लखनऊ हुसैन चुपके खड़े हुए हैं, नजर अलम पर गड़ी हुर्ई है, सकीना थामें अबा का दामन, यह अपने बाबा से कह रही हैं, ऐ प्यारे बाबा कसम तुम्हारी, मैं तशना लब हूं जरा सा पानी”। हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) की मासूम बेटी शहजादी जनाबे सकीना (स.अ.) की शहादत के मौके पर आसिफी इमामबाड़े में कर्बला के बहत्तर शहीदों के ताबूतों की जियारत करायी गयी। पहला ताबूत निकलते ही इमामबाड़ा परिसर में मौजूद अजादारों की सिसकियों की आवाज से माहौल गमगीन हो गया। ताबूतों की जियारत करने के लिए लखनऊ सहित प्रदेश भर से हजारों की संख्या में अजादारों की भीड़ उमड़ी थी। ताबूत निकालने से पूर्व इमामबाड़े में मौलाना तकी रजा ने मजलिस को खिताब किया। मौलाना ने इमाम की मासूम बेटी शहजादी जनाबे सकीना (स.अ.) की शहादत का जिक्र किया तो लोगों में कोहराम मच गया। मजलिस के बाद ताबूतों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ। सबसे पहले मुस्लिम बिन औसजा का ताबूत निकला जैसे-जैसे अन्य ताबूत निकलना शुरू हुए तो इरम आब्दी ताबूतों का परिचय बता रहे थे। जिसे सुनकर लोगों की आंखों से जारो-कतार अंासू निकल रहे थे। वहां मौजूद लोग ताबूतों पर फूलों और कपड़े की चादरें व फूलों के हार डाल रहे थे। इस मौके पर ताबूतों के अलावा हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) की सवारी का प्रतीक जुलजनाह, हजरत अब्बास (अ.स.) का अलम और हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) के छह माह के मासूम बेटे हजरत अली असगर (अ.स.) के झूले की भी जियारत करायी गयी। जिसे लोग चूमने के लिए बेकरार थे। इस मौके पर चाय, काफी आैर लंगर का भी इंतजाम किया गया था।

गोलागंज मक़बरा आलिया में आग पर मातम किया गया

लखनऊ गोलागंज स्थित मस्जिद मक़बरा आलिया में मंगलवार को आग पर मातम व ताबूत 18 बनी हाशिम कराया गया। आग पर मातम से पहले मजलिस हुई जिसको मौलाना मिर्ज़ा अनवर हुसैन ने खिताब किया बाद मजलिस मातमी अंजुमनों ने दहकते अंगारो पर चलकर या हुसैन की सदाओं के साथ मातम किया साथ ही अंजुमन ज़ैनब-उल-इबा (रायबरेली), अंजुमन नासिरुल इस्लाम (शरीफ मंज़िल लखनऊ) समेत शहर के मशहूर और मारूफ अंजुमनों ने नौहा ख़्वानी व सीनाजनी की। जहा मातम में आए हुए सभी अजादारों के लिए नज़रे मौला का एहतिमाम भी किया गया।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button