गोण्डा। स्वदेशी को अपनाकर हम न केवल अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी बनाए रख सकते हैं। यह एक ऐसा मार्ग है जो आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है और हमारे देश की समृद्धि में योगदान करता है। उक्त विचार स्वदेशी जागरण मंच के विभाग सहसंयोजक घनश्याम जायसवाल ने महाराजा देवी बक्श सिंह इंटर कॉलेज तरबगंज में छात्रों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
घनश्याम जायसवाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वदेशी का अर्थ है अपने देश में बने उत्पादों का समर्थन और उनका उपयोग करना। यह न केवल स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देता है बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि आज हर भारतीय को यह समझना होगा कि जब वह एक विदेशी मोबाइल, ब्रांडेड कपड़े या चीनी उत्पादन खरीदता है तो वह सिर्फ एक उत्पाद ही नहीं ले रहा, बल्कि वह अपने देश के एक कारीगर किसान या उद्यमी से रोजी-रोटी छीन रहा है। अब समय है कि उपभोक्ता भी जिम्मेदार बनें। स्वदेशी उपभोग सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि देशभक्ति का आधुनिक रूप है। प्रधानमंत्री मोदी ने जो स्वदेशी का दीप जलाया है, वह केवल सरकार का काम नहीं है। यह हम सभी का नैतिक राष्ट्रीय और आत्मिक दायित्व है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य केके सिंह, धनंजय सिंह सहित समस्त स्टाफ एवं छात्राएं मौजूद रहीं।
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