मध्य प्रदेश के करोड़पति आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा, जिसके घर से, कार से नोटों के पहाड़ और सोने चांदी की ईंटें बरामद हुई थीं, भोपाल के लोकायुक्त की टीम ने उसे और उसके सहयोगी चेतन गौर और शरद जायसवाल को मंगलवार को हिरासत में ले लिया है। सौरभ को कोर्ट परिसर के बाहर से टीम ने धर दबोचा जब वह सरेंडर करने जा रहा था। लोकायुक्त ऑफिस में उससे करीब पांच घंटे तक पूछताछ की गई। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेशी से पहले सौरभ ने क्या क्या कहा…
– मेरे नाम समन है
– इस समन की तालीमी के लिए मैं आया हूं।
– लोकायुक्त ने मुझे बुलाया है आज तो मैं उसके लिए आया हूं।
– मैं तो हमेशा जांच में सहयोग कर रहा था।
– मेरे घुटनों में प्रॉब्लम थी इसलिए आज आया हूं।
– मुझे जो तारीख दी थी उसमे ही आया हूं।
– मैं कंपनी में डायरेक्टर था जिसमें चेतन जी भी मेरे साथ डायरेक्टर थे।
– कंपनी का जो पूरा हिसाब किताब है वो व्हाइट में है इसके अलावा कुछ भी नहीं है।
– मेरा संबंध अविरल कंपनी से है उसकी जानकारी दूंगा।
– मेरे घर पर भी रेड हुई लेकिन उसमे कुछ मिला नहीं था।
सौरभ के वकील ने कही ये बात…
सौरभ के वकील राकेश पराशर ने बताया कि सौरभ कोर्ट के आदेश पर आज 11 बजे हाजिर होने वाला था। लेकिन, लोकायुक्त पुलिस ने उसे असंवैधानिक तरीके से अरेस्ट कर लिया। जबकि सौरभ ने सोमवार को कोर्ट में खुद उपस्थित होकर सरेंडर करने का आवेदन दिया था। पाराशर ने लोकायुक्त के खिलाफ कोर्ट में आवेदन भी लगा दिया है। बता दें कि सौरभ शर्मा मामले में तीसरा आरोपी शरद जायसवाल को भी लोकायुक्त ने समन भेजा था।