छात्र कर सकेंगे संयुक्त पीएचडी
इंडिपेंडेंट वॉयस। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के छात्र अब एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बैंकॉक थाईलैंड से एमटेक की डिग्री ले सकेंगे। यही नहीं दोनों संस्थानों के छात्र मिलकर पीएचडी भी कर सकेंगे। इसके लिए दोनों संस्थानों के बीच जल्द ही शैक्षणिक सहयोग, शोध, कौशल आदि पर एमओयू साइन किया जाएगा। शुक्रवार को एआईटी बैंकॉक के डायरेक्टर स्पेशल डिग्री प्रोग्राम प्रो. नितिन त्रिपाठी और कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र के बीच ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें कार्ययोजना पर चर्चा की गई।
एकेटीयू से बीटेक तो एआइटी बैंकॉक से एमटेक
प्रवक्ता डॉ पवन त्रिपाठी ने बताया कि दोनों संस्थानों के बीच डुएल डिग्री देने पर सहमति बनी है। इसमें छात्र बीटेक एकेटीयू से करेगा जबकि दो सालों के लिए एआइटी बैंकॉक में रहकर एमटेक करेंगे। इसी तरह दोनों संस्थानों के संयुक्त पयर्वेक्षण में छात्र पीएचडी भी कर सकेंगे। इसमें एक सुपरवाइजर एआईटी बैंकॉक में और एक एकेटीयू में रहेगा। दोनों संस्थानों में से कोई भी पीएचडी की डिग्री दे सकेगा।
शिक्षकों का भी होगा अदान-प्रदान
दोनों संस्थानों के शिक्षक एक दूसरे के यहां जाकर इफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षण की विधि, शोध आदि की जानकारी ले सकेंगे। जिससे कि शैक्षणिक कार्य में गुणवत्ता का और विकास हो सकेगा। शिक्षक नई तकनीक से भी परिचित हो सकेंगे। इसी तरह छात्रों के विकास के लिए भी दोनों संस्थानों के बीच सहमति बनी है। इसके तहत एकेटीयू के छात्र एआईटी के विशेषज्ञों से सहायता ले सकेंगे। वहीं दोनों संस्थानों ने कौशल विकास के आदान-प्रदान पर सहयोग करने का निर्णय लिया।
करेंगे संयुक्त शोध
बैठक में दोनों संस्थानों के बीच सहमति बनी की शोध के नये विषयों के लिए दोनों संस्थान एक दूसरे का सहयोग करेंगे। इसमें नैनो तकनीकी, ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, जियोइन्फॉर्मेटिक्स और फूड एंड बायोप्रोसेसिंग तकनीकी जैसे विषयों पर शोध के लिए दोनों संस्थानों के विशेषज्ञ एक दूसरे की मदद करेंगे।
ओडीओपी और ओटीओपी
जिस तरह से प्रदेश में ओडीओपी यानी वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना है उसी तरह वहां वन टैंबोन वन प्रोडक्ट स्कीम चलती है। बैठक में सहमति बनी की दोनों योजनाओं के सहयोग से कई उत्पादों को बाजार देने के साथ ही उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा सकता है। जिससे उद्यमिता को बढ़ावा तो मिलेगा ही स्थानीय उद्यमियों को भी लाभ होगा।
दोनों संस्थानों के बीच जल्द होगा एमओयू
बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्द ही दोनों संस्थानों के बीच इन विषयों को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा। कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि इसकी शुरूआत सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज और आइईटी लखनऊ से की जाएगी। इसके बाद आर्किटेक्चर, टाउन प्लानिंग व अन्य संस्थानों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस मौके पर प्रतिकुलपति प्रो. मनीष गौड़, सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज के निदेशक प्रो. एमके दत्ता और आइईटी की प्रो. सीता लक्ष्मी , डा. अनुज शर्मा उपस्थित रहे।