इमामबाड़ा गुफरानमॉब में सुपुर्द ए खाक किए गए सिब्ते रजी
इंडिपेंडेंट वॉयस।
असम व झारखंड के पूर्व राज्यपाल व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैयद सिब्ते रजी का लखनऊ के केजीएमयू ट्रामा सेंटर में 83 साल की उम्र में निधन हो गया। पुराने कांग्रेसी नेता सिब्ते रज़ी को गांधी परिवार का विश्वसनीय माना जाता था। सिब्ते रजी के निधन पर कांग्रेसियों में शोक की लहर दौड़ गयी है। वहीं अन्य दलों के नेताओं ने भी सिब्ते के निधन पर शोक जताया है। उनको पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
सिब्ते रजी के निधन की खबर सुनते ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि ‘उनके निधन से मेरा व्यक्तिगत नुकसान हुआ है। जब वह मंत्रिपरिषद में थे, मैं भी उसी मंत्रिपरिषद में था. हम लोग सहयोगी थे, जब वो विधान परिषद में थे तब मैं विधानसभा में था। न जाने कितनी जनसभाओं को हम दोनों ने साथ में संबोधित किया। सिब्ते रजी साहब नेहरू-गांधी परिवार और कांग्रेस के लिए समर्पित थे। उनके न रहने से आज हमने एक ऐसा इंसान खो दिया है जो दिल से भी सेक्युलर था और बाहर से भी।
योगी सरकार में मंत्री रहे मोहसिन रजा ने कहा है कि ‘झारखंड एवं असम के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी साहब का किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ में शनिवार को निधन हो गया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
कांग्रेस के पूर्व एमएलसी व गांधी परिवार के बेहद करीबी दीपक सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह दुखद है कि सैयद सिब्ते रजी हमारे बीच नहीं रहे। आप कांग्रेस से विधानपरिषद और राज्यसभा के कई बार सदस्य और भारत सरकार में राज्यमंत्री रहे। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि झारखंड राज्य के पूर्व राज्यपाल सयैद सिब्ते रजी साहब के निधन की दुखद खबर मिली। वर्ष 2004 से 2009 तक सयैद साहब राज्यपाल थे1 उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने झारखंड और असम के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी के निधन पर शोक व्यक्त किया। राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में मैं अपनी संवेदना शोक संतप्त परिजनों के साथ संबद्ध करती हूं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में जन्मे थे। 7 मार्च 1939 को जन्म लेने वाले सिब्ते रजी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 78वीं जयंती पर अंतिम सांस ली। उन्होंने रायबरेली के हुसैनाबाद हायर सेकेंडरी स्कूल से हाईस्कूल करने के बाद लखनऊ के शिया कालेज में एडमिशन लिया। वह छात्र राजनीति में उतरे और पढ़ाई के साथ जेब खर्च निकालने के कई होटल में अकाउंटेंट का काम भी किया। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकाम किया था।
सिब्ते रजी का राजनीति सफर
रजी 1969 में उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद 1971 में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाये गए। 2 साल तक यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहने के बाद वो 1980 से 1985 तक राज्यसभा सदस्य रहे। साल 1980 से 1984 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी रहे। उनको कांग्रेस ने दूसरी बार 1988 से 1992 तक और तीसरी बार 1992 से 1998 तक राज्यसभा का सदस्य बनाया। उनके राजनीतिक अनुभव को देखते हुए राज्यपाल भी बनाया गया।