अवासीय भूमि पर बिना नक्शा पास कराए बन गया होटल, एलडीए भेजता रहा नोटिस
इंडिपेंडेंट वॉयस ।
होटल लेवाना में अग्निकांड के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष मंडलायुक्त रोशन जैकब ने होटल के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की बात कहीं है। होटल लेवाना को सील करते हुए एलडीए ने देर शाम होटल की नपाई शुरू कर दी है। जानकारों की मानें तो एलडीए एक से दो दिन में होटल लेवाना पर बुलडोजर चला सकता है। मंडलायुक्त की शुरुआती जांच में पाया है कि अग्निशमन विभाग ने इमरजेंसी एग्जिट न होने और होटल सामने ग्रिल लगी होने के बाद भी उसे एनओसी जारी कर दी। मंडलायुक्त ने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष और मंडलायुक्त रोशन जैकब ने बताया कि अग्निकांड के बाद हजरतगंज के मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित लेवाना सूइट्स होटल का स्थल निरीक्षण किया गया। लविप्रा उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि जोनल अधिकारी ने सात अप्रैल 2022 को लिवाना सूइट्स होटल को नोटिस भेजा था। अवैध निर्माण के बावजूद अग्निशमन विभाग द्वारा फायर एनओसी का रिन्यूवल 2021 से 2024 तक के लिए किया गया है। प्रथमदृष्टया अग्नि सुरक्षा प्रबन्धन प्रणाली के अभाव तथा फसाड पर लोहे की ग्रिलों के उपरान्त भी फायर की अनापत्ति कैसे निर्गत की गयी है, यह जांच का विषय है।
बिना मानचित्र बन गया होटल, एलडीए देता रहा नोटिस
शहर के बीचो बीच वीवीआईपी क्षेत्र हजरतगंज में एलडीए से नक्शा पास कराए बिना आवासीय जमीन पर होटल लेवाना बना कर तैयार हो जाता है। होटल में पार्टियों के साथ लोगों का रहन सहन भी शुरू हो जाता है लेकिन एलडीए की तरफ से सिर्फ सीलिंग और ध्वस्तीकरण के नोटिस जारी होते रहते हैं। होटल संचालकों और एलडीए अभियंताओं की सेटिंग के चलते न तो सीलिंग की कार्रवाई होती है और न ही ध्वस्तीकरण की। मंडलायुक्त व प्राधिकरण की अध्यक्ष डॉ रौशन जैकब ने बताया कि भवन स्वामी द्वारा होटल के रूप में स्वीकृत मानचित्र की कोई प्रति लखनऊ विकास प्राधिकरण को प्रस्तुत नहीं की गयी है। जोनल अधिकारी ने 26 अप्रैल 2022 को नोटिस भेजा जवाब नहीं मिला तो 28 अगस्त 2022 को उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा 27 की उपधारा-1 के प के अधीन विहित प्राधिकारी ने नोटिस दिया। मंडलायुक्त ने तत्काल सीलिंग की कार्रवाई करते हुए विधि अनुसार प्रक्रिया पूरी कर ध्वस्तीकरण की करने के निर्देश दिए हैं।
मानकों को दरकिनार कर बनाया होटल
होटल के निर्माण को लेकर बताया जा रहा है कि व्यापारी नेता सुमेर अग्रवाल ने इसका निर्माण करवाया है. उनका एक होटल हजरतगंज के जनपथ मार्केट के पास भी लेवाना के नाम से पहले से संचालित किया जा रहा था। वहां भी नक्शे के विपरीत ही निर्माण किया गया है। गोखले मार्ग पर जिस इलाके में होटल लेवाना सुइट्स का निर्माण किया गया है वह प्राधिकरण की महायोजना में आवासीय दर्ज है। यहां ऐसे होटल का निर्माण किया नहीं जा सकता, लेकिन नियमों को धता बताकर धड़ल्ले से नक्शे के विपरीत होटल का निर्माण किया गया है। होटल के संचालक सुमेर अग्रवाल और उनके पुत्र राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल ने मानकों को बिना ध्यान में रखें पूरा निर्माण करा दिया। आग लगने की घटना के बाद एलडीए अब कागज तलाश रहा है।

होटलों को नोटिस जारी, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
उन्होंने बताया कि होटल का नक्शा पास हुए बिना, होटल का संचालन कराने में लिप्त अधिकारियों, कर्मचारियों को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध प्रभावी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह अन्य होटलों के सम्बन्ध में, जिसमें लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व में नोटिस जारी की गई है, उनमें निर्गत नोटिस का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाएगा। जिन प्रकरणों में होटल स्वामी द्वारा नोटिस के बाद भी अभिलेख आदि प्रस्तुत नहीं किये गये हैं, उन होटलों की सीलिंग की कार्रवाई की जाए।
होटल विराट में हुई घटना से भी एलडीए ने नहीं ली सीख
2018 में चारबाग स्थित होटल विराट व एसजेएस अग्निकांड की घटना से भी एलडीए ने कोई सबक नहीं लिया। 19 जून 2018 में चारबाग के होटल विराट और एसजेएस में भीषण अग्निकांड हुआ था। इसमें 7 लोगों को अपनी जान गवाना पड़ी थी। यह दोनों होटल भी अवैध रूप से तैयार कर संचालित किए जा रहे थे। अग्निकांड के बाद एलडीए ने महज खानापूर्ति करते हुए सभी होटलों की जांच के आदेश दिए थे। यहां तक की होटल विराट व एसजेएस में जिम्मेदार इंजीनियरों की सूची एलडीए ने तैयार की थी लेकिन उन पर भी कार्रवाई नहीं हुई। घटना से सबक लेने के बाद पहले ही होटल लेवाना पर एलडीए ने कार्रवाई की होती तो सोमवार को हुए अग्निकांड में चार लोगों को अपनी जान न गवाना पड़ती। होटल विराट व एसजेएस में हुए अग्निकांड के बाद एलडीए ने कार्रवाई के लिए साल 2010 से 2018 के बीच चारबाग क्षेत्र में तैनात रहे इंजीनियरों की सूची कार्रवाई के लिए शासन को भेजी गई थी। एलडीए की ओर से 25 अभियंताओं के नाम शासन को भेज गए लेकिन उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस सूची में अभियंताओं के साथ कार्रवाई के लिए कुछ प्रशासनिक अधिकारियों केनाम भी शामिल किए गए थे।