स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि व क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू की जयन्ती पर दी पुष्पांजलि

देशभक्तों की देश के प्रति भूमिका के मद्देनजर वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत एक महान देशभक्त एवं बेमिसाल परिव्राजक स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि व दक्षिणी भारत के जनजातीय नायक एवं रम्पा विद्रोह के सूत्रधार महान क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू की जयन्ती पर नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद एक प्रमुख वेदान्ती और शलाका पुरुष थे। इनका नाम नरेन्द्र दत्त था। ये प्रारम्भ से ही समाज और राष्ट्रसेवी थे। ये वेदांत में निष्णात थे। इनका एक प्रसिद्ध मन्त्र था “उठो जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये” इनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस थे। अमरीका के 1893 के विश्व धर्म सम्मेलन में इनका अमिट प्रभाव पड़ा। ये भारतीयों के प्रेरणास्रोत रहे। कालांतर में 4 जुलाई 1902 को इनका निधन हो गया।
इसी तरह आज दक्षिणी भारत के जनजातीय नायक एवं रम्पा विद्रोह के सूत्रधार, महान क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू की जयन्ती संस्था द्वारा पूरे सिद्दत के साथ मनाई गई। अल्लूरी सही अर्थों में एक देशपरायण आदिवासी क्रांतिकारी थे। इनका भी आजादी के संघर्ष में बहुत योगदान था। 7 मई 1924 को देश के गोरों से मुकाबला करते हुए मात्र 27 की उम्र में यह शहीद हो गये। अल्लूरी सीताराम राजू को देश हमेशा याद रखेगा। इन दोनों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इस कार्यक्रम में अशोक अवस्थी, प्रेम, सागर, बाबूलाल, पंकज सिंह, विकास, रामनरायन, दस्सी, राहुल आदि शामिल रहे।