डीएम ने निजी स्कूल की मान्यता रद करने के दिए निर्देश, होगी एफआईआर
इंडिपेंडेंट वॉयस।
सेंटीनियल इंटर कॉलेज में शुक्रवार की सुबह शिक्षकों व मैनेजमेंट के बीच जमकर हंगामा हुआ। डीएम सूर्यपाल गंगवार के बाद भी मैनेजमेंट स्कूल के अंदर कब्जे किए बैठा रहा, उसने कॉलेज का गेट नहीं खोला। छात्र और शिक्षक अंदर जाने के लिए घंटों जदोजेहद करते रहे। बाद में स्वयं जिलाधिकारी, डीआईओएस और बीएसए मौके पर पहुंचे। डीएम की सख्ती के बाद छात्रों को कॉलेज में प्रवेश मिला। डीएम ने सेंटीनियल स्कूल की जगह पर खुले मैथाडिस्ट चर्च स्कूल की मान्यता खत्म करने के साथ आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सेंटीनियल कॉलेज के गेट पर लगा निजी स्कूल बोर्ड भी उतरवा दिया गया है।
सेंटीनियल कॉलेज में सुबह मैनेजमेंट और शिक्षकों के प्रवेश को लेकर जमकर नोकझोंक हुई। काफी देर तक यहां हंगामा चलता रहा। डीआईओएस व बीएसए के हस्तक्षेप के बाद मैनेजमेंट ने प्रिसिंपल को मुख्य भवन में क्लास रूम के बजाए बच्चों की कक्षाएं स्टोर रूम में चलाने की इजाजत दी। जब इन कमरों को खोला गया तो यहां काफी गंदगी व बदबू आ रही थी। इस पर शिक्षक व अधिकारी भड़क गए। इसी बीच करीब 9.30 बजे जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार मौके पहुंचे। डीएम की सख्ती के बाद कॉलेज का दरवाजा खोला गया। उन्होंने निजी स्कूल संचालकों को जमकर फटकार लगाई। बच्चों की कक्षाएं क्लास रूम में लगाने के निर्देश दिए। डीएम ने शिक्षाधिकारियों को स्कूल मान्यता समाप्त करने के साथ पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
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मान्यता देने में हुआ खेल
लखनऊ के कैसरबाग बस अड्डे के पास स्थित सेंटीनियल इंटर कॉलेज की बिल्डिंग को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है। स्कूल मैनेजमेंट ने 139 साल पुराने सेंटीनियल स्कूल पर ताला लगाकर वहां पर मैथाडिस्ट चर्च स्कूल नाम से निजी स्कूल खोल दिया। स्कूल मैनेजमेंट ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से साठगांठ कर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल की जमीन पर निजी स्कूल को मान्यता दे दी गई। इस प्रकरण की जांच के आदेश भी जिलाधिकारी ने दिए हैं। मान्यता किसके कहने पर दी गई। इसकी जांच भी शुरू हो गई है।
मंडल स्तर के एक अधिकारी ने किया खेल
वहीं, सूत्रों की मानें तो मंडल स्तर के एक अधिकारी ने स्कूल मान्यता देने में पूरा खेल किया है। मान्यता समिति की बैठक में न तो खंड शिक्षा अधिकारी ने मौके पर जाकर यह तक नहीं देखा कि इस जमीन पर एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल संचालित हो रहा है। आंखे मूंद कर अधिकारियों ने यहां पर निजी स्कूल चलाने की अनुमति दे दी। फजीहत होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से निजी स्कूल की मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने इस स्कूल के प्रबंधन को पत्र भेजकर एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
शिकायत के बाद क्यों थे सब चुप
सेंटीनियल इंटर कॉलेज को लेकर बीते करीब आठ-नौ महीने से विवाद चल रहा था। गुरुवार को जब शिक्षक सड़क पर उतरे मामला उछला तो फजीहत के बाद अधिकारियों की नींद टूटी। इससे पहले शिक्षक स्कूल का ताला खुलवाने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक से लेकर डीआईओएस, बीएसए और एडी बेसिक कार्यलय के चक्कर काट रहे थे। लेकिन अधिकारी पूरे मामले को दबाने पर जुटे हुए थे।
अखिलेश ने सेंटीनियल मामले पर सरकार को घेरा
राजधानी के सेंटीनियल स्कूल विवाद में अब प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को ट्वीट करके सरकार को घेरा.
अखिलेश यादव ने लिखा “लखनऊ में सरकारी स्कूल पर हुए प्राइवेट स्कूल वाले के कब्जे का ये सरकार कुछ करेगी या गुरुजन सड़कों पर ही गुरुकुल चलाने पर बाध्य होंगे. कहां हैं विश्व गुरु का दावा करने वाले। वहीं, यह बता दें कि कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री से पूरे मामले की शिकायत की गई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से पूरी जांच के आदेश भी दिए गए थे लेकिन अधिकारियों ने पूरा मामला दबाए रखा। इस मामले पर जल्दी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।