एक पद पर दो लोगों का कर दिया तबादला, कहीं पद खाली
इंडिपेंडेंट वॉयस।
स्वास्थ्य विभाग व पीडब्लूडी में तबादलों में गड़बड़ी के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग में हुए कर्मचारियों के तबादले पर सवाल खड़े होने लगे हैं। विभागीय जांच में 124 कर्मचारियों के तबादलों में गड़बड़ी सामने आई है। जांच में सामने आया है कि एक कर्मचारी को दो-दो जगह तैनाती दे दी गई है जबकि कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं। जहां पर तबादला होने के बाद उस पद पर किसी की तैनाती नहीं की गई। अपर निदेशक भूषण चतुर्वेदी ने अपनी जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंप दी है।
पिछले दिनों बेसिक शिक्षा विभाग में हुए तबादलों पर कर्मचारियों ने सवाल खड़े किए थे। तबादलों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए। शुरूआती जांच में ही बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई थी। विभाग में 1043 लिपिकों के ट्रांसफर किए गए थे। इसमें से 775 ने पदभार भी ग्रहण कर लिया है। उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन की अपील पर बीते 28 जुलाई को प्रदेश भर से आए कर्मचारियों ने शिक्षा निदेशक बेसिक के कार्यालय पर धरना दिया था। संगठन का आरोप है कि शिक्षा विभाग के तबादलों में जमकर गड़बड़ियां हुई हैं। एसोसिएशन के मुताबिक कई ऐसे कार्यालय हैं, जहां पद खाली न होने के बावजूद तबादले किए गए हैं। कई कार्यालयों में तबादले के बाद पहुंचे कर्मचारी पद खाली न होने के कारण ज्वाइनिंग के लिए भटक रहे हैं। संगठन की तरफ से 238 कर्मचारियों के तबादलों में अनियमितता की शिकायत अपर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज समेत अन्य अधिकारियों से की गई थी।
तबादलों में नियमों का नहीं हुआ पालन
संगठन प्रांतीय महामंत्री राजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा सरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति वर्ष 2022-23 के लिए 15 जून को आदेश जारी किए गए थे। इसके अनुसार, समूह ग और समूह घ के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कर्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जाने थे। उक्त निर्धारित 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानान्तरण अपरिहार्यता की स्थिति में प्रशासकीय विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्थानान्तरण किये जाने थे, लेकिन इसका अनुपालन ही नहीं किया गया।