
‘नगर निगम के अंदर भी उनकी जाति को लेकर लगातार टिप्पणियां की जाती हैं। इससे परेशान होकर उन्हें सुसाइड का कदम उठाना पड़ा। ये मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत घातक था, लेकिन स्वाभिमान से बढ़कर कुछ नहीं है। मैं ये जिल्लत बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। इसलिए आज ये कदम उठाया। अब भाजपा और उसका शीर्ष नेतृत्व सही फैसला करेगा। ये कहना है नगर निगम के वार्ड-52 से भाजपा पार्षद मनोज प्रजापति का। जिन्होंने रविवार को अपने सिर में ईंटों से वार कर सुसाइड करने का प्रयास किया।
भाजपा के पार्षद मनोज प्रजापति का आरोप है-‘आत्महत्या के प्रयास के बाद भी पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की और अस्पताल में भी एक घंटे की देरी से इलाज मिला। उन्होंने कहा कि अगर वे बच गए तो जनता की सेवा करते रहेंगे और कोई भी उन्हें रोक नहीं पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के कुछ लोग उन्हें ‘शराबी-कबाबी’ साबित करने पर तुले हुए हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।’
‘अंत में पार्षद ने भाजपा के प्रदेश नेतृत्व से जातिवादी व्यवस्था को खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा-हम भी भाजपा के वोटर हैं, हमारी आवाज सुनी जानी चाहिए। जातिवादी व्यवस्था आज भी बहुत प्रभावी है, इसे खत्म करना जरूरी है।’
सहारनपुर नगर निगम के वार्ड-52 के भाजपा पार्षद मनोज प्रजापति ने अपने माथे पर ईंटों से हमला कर सुसाइड करने का प्रयास किया। पार्षद ने पार्टी के कुछ नेताओं और वार्ड स्तर के पदाधिकारियों पर जातीय टिप्पणियां करने, गाली-गलौज, मारपीट और झूठे आर्थिक आरोप लगाने का गंभीर आरोप लगाया है। आरोप है कि पिछले करीब 10 महीनों से भाजपा के कुछ नेता लगातार उनका उत्पीड़न कर रहे थे।
कभी फेसबुक पोस्ट पर उन्हें ‘आरक्षण का कुत्ता’ कहा गया, तो कभी भाजपा कार्यालय में 10 लोगों की मौजूदगी में उनकी मां-बहन की गालियां दी गईं। सड़क पर हाथापाई और ‘चोर-उचक्का’, ‘उठाईगिरा पार्षद’ जैसी टिप्पणियां भी की गईं।
रविवार देर शाम मनोज प्रजापति अपने वार्ड में थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात एक भाजपा नेता से हुई। दोनों के बीच किसी बात पर कहासुनी हो गई। मनोज ने ईंट उठाकर अपने माथे पर मारनी शुरू कर दी। लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। पता लगते ही परिजन भी पहुंच गए।
खून से लथपथ मनोज को स्थानीय लोगों व परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनके माथे पर नौ टांके आए। पार्षद का आरोप है कि पार्टी के ही कुछ नेता परेशान कर रहे हैं। जातिसूचक शब्दों के अलावा पार्टी में नहीं रहने लायक कहते हैं। इसी से आहत होकर उन्होंने सुसाइड करने का प्रयास किया है
पार्षद का आरोप है कि रोजाना उन पर झूठे आर्थिक आरोप लगाए जाते हैं, जबकि आरोप लगाने वाले स्वयं लोगों के करोड़ों रुपए दबा कर बैठे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट पर लिखा है कि आज जब मैं उन लोगों से बात करने गया तो उन्होंने मुझे इतना उकसा दिया और बोले-तेरी औकात ही नहीं थी हमारे बीच आने की। तू एक मिट्टी के घड़े- कसोरे बनाने वाला जाहिल कुम्हार का बच्चा, हमारे ऊपर कैसे राज कर सकता है। तू जाकर घड़े कसोरे ही बना।
सहारनपुर में भाजपा पार्षद ने सुसाइड का प्रयास किया
पार्टी के कुछ नेताओं पर लगाया उत्पीड़न और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल का आरोप, फेसबुक पर डाली पोस्ट
‘नगर निगम के अंदर भी उनकी जाति को लेकर लगातार टिप्पणियां की जाती हैं। इससे परेशान होकर उन्हें सुसाइड का कदम उठाना पड़ा। ये मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत घातक था, लेकिन स्वाभिमान से बढ़कर कुछ नहीं है। मैं ये जिल्लत बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। इसलिए आज ये कदम उठाया। अब भाजपा और उसका शीर्ष नेतृत्व सही फैसला करेगा। ये कहना है नगर निगम के वार्ड-52 से भाजपा पार्षद मनोज प्रजापति का। जिन्होंने रविवार को अपने सिर में ईंटों से वार कर सुसाइड करने का प्रयास किया।
भाजपा के पार्षद मनोज प्रजापति का आरोप है-‘आत्महत्या के प्रयास के बाद भी पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की और अस्पताल में भी एक घंटे की देरी से इलाज मिला। उन्होंने कहा कि अगर वे बच गए तो जनता की सेवा करते रहेंगे और कोई भी उन्हें रोक नहीं पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के कुछ लोग उन्हें ‘शराबी-कबाबी’ साबित करने पर तुले हुए हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।’
‘अंत में पार्षद ने भाजपा के प्रदेश नेतृत्व से जातिवादी व्यवस्था को खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा-हम भी भाजपा के वोटर हैं, हमारी आवाज सुनी जानी चाहिए। जातिवादी व्यवस्था आज भी बहुत प्रभावी है, इसे खत्म करना जरूरी है।’
पूरा मामला
सहारनपुर नगर निगम के वार्ड-52 के भाजपा पार्षद मनोज प्रजापति ने अपने माथे पर ईंटों से हमला कर सुसाइड करने का प्रयास किया। पार्षद ने पार्टी के कुछ नेताओं और वार्ड स्तर के पदाधिकारियों पर जातीय टिप्पणियां करने, गाली-गलौज, मारपीट और झूठे आर्थिक आरोप लगाने का गंभीर आरोप लगाया है। आरोप है कि पिछले करीब 10 महीनों से भाजपा के कुछ नेता लगातार उनका उत्पीड़न कर रहे थे।
कभी फेसबुक पोस्ट पर उन्हें ‘आरक्षण का कुत्ता’ कहा गया, तो कभी भाजपा कार्यालय में 10 लोगों की मौजूदगी में उनकी मां-बहन की गालियां दी गईं। सड़क पर हाथापाई और ‘चोर-उचक्का’, ‘उठाईगिरा पार्षद’ जैसी टिप्पणियां भी की गईं।
रविवार देर शाम मनोज प्रजापति अपने वार्ड में थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात एक भाजपा नेता से हुई। दोनों के बीच किसी बात पर कहासुनी हो गई। मनोज ने ईंट उठाकर अपने माथे पर मारनी शुरू कर दी। लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। पता लगते ही परिजन भी पहुंच गए।
खून से लथपथ मनोज को स्थानीय लोगों व परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनके माथे पर नौ टांके आए। पार्षद का आरोप है कि पार्टी के ही कुछ नेता परेशान कर रहे हैं। जातिसूचक शब्दों के अलावा पार्टी में नहीं रहने लायक कहते हैं। इसी से आहत होकर उन्होंने सुसाइड करने का प्रयास किया है।
पार्षद का आरोप है कि रोजाना उन पर झूठे आर्थिक आरोप लगाए जाते हैं, जबकि आरोप लगाने वाले स्वयं लोगों के करोड़ों रुपए दबा कर बैठे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट पर लिखा है कि आज जब मैं उन लोगों से बात करने गया तो उन्होंने मुझे इतना उकसा दिया और बोले-तेरी औकात ही नहीं थी हमारे बीच आने की। तू एक मिट्टी के घड़े- कसोरे बनाने वाला जाहिल कुम्हार का बच्चा, हमारे ऊपर कैसे राज कर सकता है। तू जाकर घड़े कसोरे ही बना।