अपना लखनऊउत्तर प्रदेश

आलोक रंजन की किताब “हैप्पीनेस एंड वेलबीइंग” दिखाती है खुशियों की राह

  •  पूर्व मुख्य सचिव का विमोचन किया गया
  •  इससे पहले उनकी प्रकाशित हो चुकी हैं पांच पुस्तकें
  • पुस्तक विमोचन समारोह का प्रायोजक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया रहा

लखनऊ। इंसान में खुशी तो भीतर ही है, दुख हमने बटोर रखे हैं, पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन की बात माने तो खुशी ढूंढने से नहीं मिलती, वह कोई मंजिल नहीं है वह तो हमारे भीतर है। यूपी के पूर्व चीफ सेक्रेटरी और सीनियर आईएएस आलोक रंजन कहते हैं कि खुशी किसी भौतिक चीज, किसी खास मुकाम से नहीं मिलती। ये हमारे भीतर, हमारी आत्मा में समावेशित है।

पूर्व मुख्य सचिव व हैप्पीनेस एंड वेलबीइंग के लेखक आलोक रंजन ने कहा कि खुशी एक चुनाव है और कौशल भी है, जिसे सीखा जा सकता है। हम सभी को इसे सीखना चाहिए। उन्होंने ये बातें अपनी पुस्तक हैप्पीनेस एंड वेलबीइंग के विमोचन पर हुई परिचर्चा के दौरान कहीं। इससे पहले उनकी पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

परिवर्तन चौक स्थित होटल क्लार्क अवध में यूनियन बैंक आॅफ इंडिया के सहयोग से आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में आलोक रंजन ने बताया कि उनकी पुस्तक बहुआयामी पहलुओं पर केंद्रित है। यह पुस्तक खुशी और जीवन के संतुलन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक मार्गदर्शिका है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा के दौरान उन्होंने हमेशा लोगों की खुशी और कल्याण को प्राथमिकता दी। यह पुस्तक उन्हीं अनुभवों पर आधारित है। यूनियन बैंक आॅफ इंडिया के डिप्टी जनरल मैनेजर मारकेण्डय यादव भी विमोचन समारोह में मौजूद रहे।

परिचर्चा के दौरान लविवि के प्रोफेसर डॉ. अरविंद मोहन ने कहा कि पुस्तक सार्वजनिक नीतियों में खुशी को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर देती है। एक कंपनी की एमडी किरण चोपड़ा ने कहा कि यह पुस्तक बताती है कि कार्यस्थल पर खुशी कैसे उत्पादकता और नवाचार को बढ़ावा दे सकती है। जयपुरिया इंस्टीट्यूट की निदेशक कविता पाठक ने कहा कि यह पुस्तक जीवन की कठिनाइयों में सहनशक्ति और आनंद खोजने में मदद कर सकती है। इस मौके पर विचारक, शिक्षाविद और उद्योग जगत के लोग मौजूद रहे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button