आमदनी बढ़ाने के साथ अवैध निर्माण रोकने के लिए शुरू किया दृष्टि एप
इंडिपेंडेंट वॉयस । लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी महज 11 महीने के कार्यकाल में कई बड़ी उपलब्ध्यिां एलडीए के नाम लिख गए है। अवैध निर्माणों को रोकने के लिए दृष्टि एप, टेंडर में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए ‘ऑनलाइन टेक्निकल इवेल्युएशन’ सॉफ्टवेयर जैसे कामों से वह हमेशा एलडीए में याद रखें जाएंगे।
यही नहीं महज 11 महीने में उन्होंने प्राधिकरण के खर्चों को कम कर उसकी आय बढ़ाई है। प्राधिकरण की आय बढ़ाने के लिए उन्होंने बैंकों में 100 करोड़ रुपए की एफडी कराई। बरसों से इनकम टैक्स में फंसा 250 करोड़ रुपए का रिर्टन वापस मिलने का रास्ता खोला। अक्षय त्रिपाठी ने रविवार को अपना चार्ज पवन कुमार गंगवार को सौंप दिया।
वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का पद संभालने के बाद कई अहम फैसले लिए। आईएएस अक्षय त्रिपाठी ने शहर में अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए ‘दृष्टि एप’ तैयार कराया। इस एप पर सीलिंग के सभी ऑर्डर मय अवैध निर्माण की फोटो व डिटेल के साथ उपलब्ध होंगे और प्रवर्तन अधिकारियों को नियमित रूप से इनकी मॉनिटरिंग करनी होगी। इससे प्राधिकरण द्वारा सील की गई बिल्डिंगों में बिल्डर द्वारा चोरी-छुपे निर्माण/फिनिशिंग कार्य कराये जाने की कोई संभावना नहीं रहेगी। इसके अलावा उन्होंने एलडीए में ई-ऑफिस प्रणाली की शुरूआत की, जिसके अंतर्गत प्राधिकरण कर्मियों का प्रशिक्षण भी शुरू हो गया है। यह व्यवस्था लागू होने से सारा काम पेपरलेस हो जाएगा और सभी फाइलें डिजिटल रिकॉर्ड में रहेंगी। इससे फाइलों के गायब होने या नष्ट होने की कोई संभावना नहीं रहेगी। इसी तरह उन्होंने एलडीए की टेंडर प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी व मानवीय हस्तक्षेप की संभावना को खत्म करने के लिए ‘ऑनलाइन टेक्निकल इवेल्युएशन’ सॉफ्टवेयर तैयार करवाया। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सभी तरह के अभियंत्रण कार्यों की निविदा का ऑनलाइन तकनीकी मूल्यांकन कराया जा सकेगा। इसके अलावा उनके द्वारा रिकार्ड मैनेजमेंट हेतु ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी लागू करने के लिए आईआईटी से एमओयू किया गया।
100 करोड़ की एफडी करायी
वर्ष 2015-16 तक प्राधिकरण द्वारा कराई गई समस्त एफडी का भुगतान प्राप्त किया जा चुका था। इस तरह प्राधिकरण की सभी एफडी समाप्त हो गई थी। प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के दृष्टिकोण से राजस्व व्यय में कमी और पूंजीगत आय में वृद्धि करने के निर्देश दिये गये। जिसके फलस्वरूप पिछले छह महीनों में 100 करोड़ रुपये की बचत की गई। इस धनराशि की अलग-अलग बैंकों में एफडी करायी गई है। इसके अलावा अक्षय त्रिपाठी के कार्यकाल में ही कई वर्षों से इनकम टैक्स विभाग में फंसे प्राधिकरण के 250 करोड़ रुपये रिफंड मिलने का भी रास्ता खुल गया।
प्रधानमंत्री आवासों की रजिस्ट्री शुरू करायी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शारदा नगर विस्तार और बसंतकुंज योजना में बनाये गये आवासों का पूर्व उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया गया। इससे वहां के समस्त कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ शीघ्रता से हुए। उन्होंने लगातार समीक्षा बैठक करके भवनों का आवंटन और रजिस्ट्री का कार्य भी शुरू करवाया। पूर्व उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा प्राधिकरण दिवस/जनता अदालत में आने वाली शिकायतों की खुद समीक्षा किये जाने से प्रकरणों का निस्तारण काफी तेजी से हुआ।
सिटी डेवलपमेंट प्लान को दिशा दी
पूर्व उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने लखनऊ के वृहद् विकास हेतु तैयार कराये गए सिटी डेवलपमेंट प्लान की दिशा भी तय की। इसके माध्यम से भविष्य में होने वाले विकास कार्यों की नींव रखी जाएगी। इसके अलावा अक्षय त्रिपाठी द्वारा राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल, ऑक्सीजन पार्क, दिव्यांग थीम पार्क, वेटलैंड और डॉग पार्क समेत कई प्रोजेक्ट्स का स्वरूप गढ़ा गया, जोकि आने वाले दिनों में शहर की पहचान होंगे।