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महाकुंभ में भगदड़ के बाद एक्शन में योगी सरकार, सभी VIP पास रद्द, मेले में नहीं जाएंगी गाड़ियां

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में बुधवार को हुई भगदड़ के बाद अब योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। मौनी अमावस्या के दिन हुई इस भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक आयोग से जांच करवाने के आदेश दिए हैं, साथ ही पुलिस इन्क्वायरी भी शुरू कर दी गई है। हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है।

प्रयागराज में गाड़ियों की एंट्री पर लगी रोक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के बाद स्थिति को काबू में करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं। उन्होंने मेला क्षेत्र में आने-जाने वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने और सभी वीआईपी पास रद्द करने के निर्देश दिए हैं। 4 फरवरी तक श्रद्धालुओं को पैदल ही संगम तक जाने की इजाजत होगी। प्रयागराज शहर में भी 4 पहिया गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। शहर में सिर्फ बाइक, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को जाने की अनुमति होगी। साथ ही मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है।

हादसे के कारणों की जांच के निर्देश

सीएम योगी ने इस हादसे के कारणों की जांच के लिए निर्देश दिए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान के कारण पॉन्टून पुल बंद कर दिए गए थे, जिससे भारी भीड़ संगम पर इकट्ठा हो गई। इसके अलावा, एंट्री और एग्जिट के रास्ते एक ही होने के कारण भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। प्रशासन ने अब इन समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए हैं और मेला क्षेत्र में व्यवस्था में बदलाव किए हैं।

मेला क्षेत्र के भीतर वन-वे हुए रास्ते

मौनी अमावस्या के हादसे से सबक लेते हुए सरकार ने मेला क्षेत्र के भीतर रास्तों को वन-वे कर दिया है। अब श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से वापस भेजा जाएगा। इसके अलावा, प्रयागराज में आने वाले 8 प्रमुख बॉर्डर्स को बंद कर दिया गया है, जिससे भीड़ नियंत्रण में मदद मिलने की उम्मीद है। इन कदमों के जरिए प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

बुधवार को 10 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान

हादसे के बावजूद, महाकुंभ में श्रद्धालुओं का स्नान जारी है। बुधवार रात तक संगम समेत 44 घाटों पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पूरे प्रयागराज में 60000 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे जहां हैं, वहीं स्नान करें और संगम क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ से बचें।

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